जब जुनून और ऊर्जा की बात होती है तो एक ही व्यक्ति ध्यान में आता है - दिपक सुधीर मनोहर । । अपने स्मितसे सबको लुभाता हुआ , अपने शांत और शानदार स्वभाव सबको साथ ले के चलने वाला ये व्यक्ति इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इम्पोर्ट एन्ड एक्सपोर्ट मैनेजमेंट पयं मनोहर इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड का फाउंडर और डाइरेक्टर है ।
दिपक विनम , लटस्य , मेधा और आनंदसे भरे अपनी कम्पनीओं के क्रियाशील Director है . साथ ही साथ उनमें यथार्थ व्यापारिक रणनीतियाँ और मैनेजमेंट स्किल ट्रंस ट्रस के भरा है । उन्होंने कॉमर्स से अपनी मास्टर्स डिग्री लेने के बाद बैचलर ऑफ़ लों की डिग्री हासिल की . उसके बाद उन्होंने इंटर ICWAI किया और पोस्ट ग्रेज्युएट डिप्लोमा इन इंटरनेशनल ट्रेड भी पूरा किया । उन्होंने एक्सपोर्ट इम्पोर्ट कारोबारका जान अदानी एक्सपोर्ट में अपनी प्रथम जॉबके दौरान हासिल किया । इतने सालोंमे उन्होंने अपना कारोबार भारतके 34 शहरोम और श्रीलंका और दुबई तक बढ़ाया ।
दिपक को एक्सपोर्ट - इम्पोर्ट का 17 सालोका अनुभव है । उनकी सबसे बड़ी महत्वाकांक्षा है - विदेश च्यापारके जरिये भारतके " सोने की चिड़िया वाले दिन वापस लाना । उनकी अतिउत्साही अवधारणा की बजहसे उनकी ये अभिलाषा एक मूवमेंट का स्वरूप ले चुकी है जिन्हें वो अपने प्रशंसको और शिष्यों में लोकप्रिय बनाते रहते है ।
मिलते सालो के साथ दिपकने iiiEM को " यन स्टॉप सोल्यन फोर एक्सपोर्ट और इम्पोट बनाने के लिप कई कार्यक्रम और सर्विसेज़ जोड़े । यो एक मेन्यूफेक्चरर , टेडर , एक्सपोर्टर और फैकल्टी मेम्बर भी है । दिपक ; एक नेता और आत्मनिर्भर अन्येषक : किसी भी भूमिका - चाहे यो बोर्डरूममे एक हायरन्टरकी हो या फैक्टरी में वर्कर की हो - माहजिक्तासे निभा सकता है । दिपक एक ध्यानाकर्षित करनेवाला वक्ता भी है । उन्होंने लाइव TV प्रोग्राम भी किये है । और स्थानीय समाचारपोंमे एक्सपोर्ट अवेयरनेस के बारेमें उनके लेख नियमित रूपसे छपते है ।
दिपकवी टीम गठन करनेकी जन्मजात कार्यकुशलता है , और सैनेजमेंट स्टाफ के विकास बढ़ोतरी की है और कार्यस्थल पर जाका संचरण किया है ।
उन्होंने अपनी बहुमुखी प्रतिभाको आज और निखार दिया है . इस पुस्तक के जरिये यो अब सबक भी बन गए है।
Additional information
Author | Dipak S. Manohar |
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Language | Hindi |
Publisher | Navbharat Sahitya Mandir |
Publication Year | 2019 |
Pages | 80 |
Bound | Paperback |
ISBN | 978-81-8440-795-2 |
Edition | First |
Subject | No |
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